गीत: | ओ रे लकड़ |
गायक: | सौम्या राव, नीरज श्रीधर, कैलाश खेर |
गीतकार: | जावेद अख्तर |
संगीत: | राजेश रोशन |
मूवी: | क्रेजी 4 |
O Re Lakad Lyrics in Hindi
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
हम चले तुम चले
जिंदगी की खड़ी राहो में
लगता है हर ख़ुशी
दौड़ के आ गयी राहो में
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
हम चले तुम चले
जिंदगी की खड़ी राहो में
लगता है हर ख़ुशी
दौड़ के आ गयी राहो में
क्या जाने क्या ठंडी हवा
है केह रही कानो में
शायद कोई मंजिल नयी
है इसके अरमान में
ये पंछी क्यूँ गाते है यूँ
क्यूँ गीत इन्हे याद हैं
उड़ पाते हैं तो गाते हैं
खुश हैं कि आज़ाद है
चले हम डगर डगर
घूमे हम नगर नगर
चले हम डगर डगर
घूमे हम नगर नगर
ये फैसला है किया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
हम चले तुम चले
जिंदगी की खड़ी राहो में
लगता है हर ख़ुशी
दौड़ के आ गयी राहो में
ये पेड़ क्यों लगाते है यूँ
छूते है क्यूँ आसमान
इस धरती के सपने है ये
सपने हुए है जवान
बातें तुम बड़ी बड़ी
कराती हो घड़ी घड़ी
बातें तुम बड़ी बड़ी
कराती हो घड़ी घड़ी
हेरा हमे कर दिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
हम चले तुम चले
जिंदगी की खड़ी राहो में
लगता है हर ख़ुशी
दौड़ के आ गयी राहो में
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल
ओ रे लकड़ इकड़ पकड़ पिंगल चुंगलिया
Video Song of O Re Lakad:
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